फिस्टुला एनो ट्रीटमेंट, कारण, लक्षण – अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर
एनल फिस्टुला को भगंदर के नाम से भी जाना जाता है यह एक छोटी सुरंग है, जो आंत के अंत और एनल के पास की त्वचा के बीच विकसित होती है। वे आम तौर पर एनल के पास टिशू में पस के समूह से होने वाले संक्रमण के कारण होता है।
जब पस बह जाता है, तो उसके बाहर आने के लिए बने हुए रास्ते को यह खुला छोड़ सकता है। एनल फिस्टुला अप्रिय लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे कि पीड़ा और त्वचा की जलन। आमतौर पर यह अपने आप ठीक नहीं होता। ज्यादातर मामलों में सर्जरी करने की सलाह दी जाती है।
एनल फिस्टुला के लक्षण
एनल फिस्टुला के कुछ निम्नलिखित लक्षण हो सकते है:
- एनस में बार बार फोड़ा होना
- एनस के आसपास दर्द और सूजन
- रक्तस्राव
- बार-बार पास निकलने के कारण एनस के आसपास की त्वचा में जलन
- बुखार, ठण्ड लगना और थकन महसूस होना
- कब्ज
- सूजन
एनल फिस्टुला के कारण
ज़्यादातर एनल फिस्टुला एनस में फोड़ा होने के कारण होता है। कुछ सामान्य कारणों में से यह शामिल है:
- क्रोहन डिजीज- लम्बे समय तक रहने वाली बीमारी जिसमे पाचन तंत्र में सूजन हो जाती है।
- ट्यूबरक्लोसिस या एचआईवी
- धूम्रपान और शराब के कारण
- एनस के आस पास चोट लगने पर
एनल फिस्टुला का इलाज
इस बीमारी का इलाज करने के २ तरीके है जिसमे शामिल हैं:
- नॉन सर्जिकल उपचार: एनल फिस्टुला के शुरुआती स्टेज को ठीक करने के लिए कुछ घरेलु उपचार और जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी है। जैसे की :
खान पान में सुधर, कब्ज बनाने वाली खाने की चीज़ो से बचना
योग और व्यायाम करना
गुनगुना पानी पीना
शराब का सेवन और धूम्रपान न करना
- सर्जिकल उपचार: यदि नॉन सर्जिकल उपचार से आपको आराम नहीं मिलता है तो एनल फिस्टुला के लिए कुछ सर्जरी भी करी जा सकती है। वैसे तो एनल फिस्टुला को ठीक करने के लिए सर्जरी लगभग हमेशा आवश्यक होती है।
डॉ. अमित अग्रवाल
डायरेक्टर & गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट कंसलटेंट
अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर