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फैटी लीवर क्या है? - डॉ. अमित अग्रवाल - अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर

फैटी लीवर क्या है? – डॉ. अमित अग्रवाल – अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर

फैटी लीवर को हेपेटिक स्टीटोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह तब होता है जब लीवर में फैट जमा हो जाता है। आपके लीवर में थोड़ी मात्रा में फैट होना स्वाभाविक है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में फैट स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।

आपके शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग आपका लीवर है। यह भोजन और पीने के पदार्थों से पोषक तत्वों के पाचन में सहायता करता है और आपके रक्त से हानिकारक अशुद्धियों को दूर करता है।

लीवर में बहुत अधिक फैट होने पर सूजन हो सकती है, जो इसे नुकसान पहुंचा सकती है और निशान छोड़ सकती है। यह निशान लिवर को ख़राब कर सकता है।

फैटी लिवर के लक्षण | Symptoms of Fatty Liver

जब तक स्थिति लीवर सिरोसिस तक नहीं पहुंच जाती, तब तक फैटी लीवर रोग वाले लोग अक्सर कोई लक्षण अनुभव  नहीं करते हैं।

  • एब्डॉमिन में दर्द
  • उलटी और मतली लगना।
  • अचानक से वजन घटना।
  • आंखों और त्वचा का पीला होन हैं।
  • पैर और पेट में सूजन।
  • कमज़ोरी महसूस करना।
फैटी लीवर क्या है? - डॉ. अमित अग्रवाल - अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर

फैटी लिवर के कारण | Cause of Fatty Liver

कुछ लोगों को पहले से मौजूद स्थितियों के बिना फैटी लीवर की बीमारी हो जाती है। कुछ सामान्य कारण निचे दिए गए है।

  • मोटापा
  • डायबिटीज
  • तेज़ी से वजन काम होना।
  • कुछ दवाओं के सेवन से साइड इफेक्ट्स के कारण भी फैटी लिवर हो सकता है।

फैटी लिवर का इलाज | Treatment of Fatty Liver

फैटी लीवर रोग का कोई विशेष उपचार नहीं है। इसके बजाय डॉक्टर परिस्थितियों के योगदान करने वाले तत्वों को नियंत्रण करने में आपकी सहायता करते हैं। इसके इलावा डॉक्टर आपको जीवन में सुधर और बदलाव लाने की भी सलाह देते है। उपचार में निम्न शामिल हैं:

  • पीने से परहेज।
  • वजन काम करना।
  • कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, और ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में वसा) को कम करने के लिए कुछ दवाएं।
  • डायबिटीज के नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक विटामिन ई और थियाज़ोलिडाइनायड्स लेना।

सही समय पर विशेषज्ञ से उपचार करने पर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें अग्रवाल गैस्ट्रोसेंटर पर। 

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