गॉलस्टोन क्लीनिकल फीचर्स – अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर – डॉ अमित अग्रवाल
गॉलस्टोन पाचन तरल में पदार्थ का कठोरपन जमा हो जाता है, जो आपके पित्ताशय की थैली में बन सकते हैं। यह समस्या गलत खान पान या गलत जीवनशैली के कारण उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या के होने पर व्यक्ति को कई तक़लीफो का सामना करना पड़ता है जैसे की पेट में सूजन, दर्द,उल्टी आना आदि। हमारे लिवर के निचे एक आग मौजूद होती है, जिसे पित्ताशय कहते है। जब गॉल ब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा मात्रा में जमा होने लगता है तो वह पत्थर का रूप ले लेता है। जिसे गॉल ब्लैडर स्टोन भी कहा जाता है। यह भी संभव है की संक्रमण पित्ताशय या अग्नाशय से लिवर में फैलता है। इसके उपचार के लिए सर्जरी भी करवानी पद सकती है।
गॉलस्टोन क्लीनिकल फीचर्स | Gallstone Clinical Features
गॉलस्टोन एक बेहद आम समस्या है, जिसके लक्षण ज़्यादातर लोगो को दिखाई नई देते जबतक यह बीमारी बढ़ न जाए। कभी कभी ऐसा भी हो सकता है की इसके कोई भी लक्षण महसूस न हो फिर भी व्यक्ति को कष्ट होने लगता है। इससे उत्तपन्न होने वाली तक़लीफ़े पित्त की पथरी के आकर के आधार पर निर्भर करती है।
आइये जानते इसके कुछ क्लीनिकल फीचर्स :-
- गॉल ब्लैडर में तेज़ दर्द महसूस हो सकता है।
- पेट फूलना |
- उलटी आना या जी मिचलाना।
- बार बार बुखार आना भी इनमे से एक समस्या हो सकती है।
- पीलिया की समस्या का सामना भी करना पद सकता है।
- बदहजमी और खट्टी डकारे आना।
- खूब तेज़ अचानक से पासीना आने लगना।
- मुँह से दुर्गन्ध आना।
- कुछ खाने के बाद एसिडिटी की समस्या बने रहना।
- पेट में वजन लगना।
सही समय पर विशेषज्ञ से उपचार कराने पर गॉलस्टोन को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको गॉलस्टोन के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर इस रोग का निदान करना है तो तत्काल अग्रवाल गैस्ट्रोसेंटर सेंटर इंदौर में संपर्क करें।