डायरिया ट्रीटमेंट – अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर – डॉ अमित अग्रवाल
डायरिय हिंदी में दस्त के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा विकार या बीमारी है जो पाचन तंत्र से सम्बंधित है। इस बीमारी के कारण मल पानी की तरह पतला होता है। यह रोग आंत से संबंधित होता है जोकि मुख्या रूप से रोटावायरस के कारण होता है। कुछ दवाओं के सेवन से भी आपको डायरिया हो सकता है। यदि आप प्रॉपर हाइजीन मेनटेन रखे और बाहर का खाना न खाएं तो वायरस और बैक्टीरिया से होने वाले डायरिया को रोका जा सकता है। अगर आप डायरिया से छुटकारा पाना चाहते है तो आगे पढ़े।
डायरिया का ट्रीटमेंट | Diarrhea Treatment
डायरिया का इलाज कुछ कारकों पर निर्भर करता है जैसे की आपकी स्थिति की गंभीरता, डीहाईडरेशन, आयु, मेडिकल हिस्ट्री आदि।
- डायरिया को जल्दी ठीक करने के लिए फ्लूइड रिप्लेसमेंट की आवश्यकता होती है।
- शरीर में पानी की कमी को पूर्ती करने के लिए रोगी को ओआरएस का घोल पिलाया जाता है। ओआरएस का घोल साफ़ पानी में ही बनाया जाता है। एक पैकेट पूरा एकसाथ 1 लीटर पानी में मिलाने के बाद उस घोल का इस्तेमाल 24 घंटे के अंदर ही करना चाहिए। 24 घंटे पूरे होने के बाद नया घोल बनाना चाहिए।
- अगर ओआरएस उपलब्ध नहीं है तो हर दस्त के बाद 100-200 एमएल पानी को पहले ठंडा कर ले फिर उसमे एक चुटकी नमक और आधा चम्मच चीनी मिलाकर रोगी को पिलाएं।
- डायरिया होने पर खाना बंद न करें। सदा भोजन खाने को दे जैसे केला, चावल खिचड़ी आदि। तेल, मिर्च वाला मसालेदार खाना न दें। पतला जूस जैसे मौसमी, संतरा, पाइनेप्पल आदि भी न पिलाएं।
- गंभीर स्थिति में डॉक्टर्स इंट्रावीनस के माध्यम से रोगी के शरीर में तरल पदार्थ पहुंचता है, जिससे की रोगी को कमज़ोरी महसूस न हो।
- अगर डायरिया होना का कारण बैक्टीरिया है तो डॉक्टर दवा लेने की सलाह दें सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर रेडोटिल भी दें सकते है।
- डॉक्टर्स सलाह देते है की अगर आपको डायरिया से बचना है तो अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए और शरीर को हाइड्रेटेड रखना चाहिए।
0