निदान के लिए एंडोस्कोपी प्रक्रिया – अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर
एंडोस्कोपी एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग ऊतक या आतंरिक अंग को विस्तार से देखने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया में एक लम्बी लचीली और पतली ट्यूब जिसे एंडोस्कोपी के रूप में जाना जाता है, शरीर के उद्धाटन जैसे मुँह या गुदा के माध्यम से डाली जाती है। एंडोस्कोपी में एक लाइट, कैमरा, इंस्ट्रूमेंट, पोर्ट होता और इसके सिरे पर पानी और हवा के लिए एक पोर्ट होता है। इस प्रक्रिया से शरीर में चीरा लगाए बिना शरीर के अंगों में उत्पन्न हो रही बिमारियों और समस्याओं का पता लगाया जाता।
एंडोस्कोपी प्रक्रिया | Endoscopy Procedure
एंडोस्कोपी की प्रकिया से पहले मरीज को पहले एम.आर.आई सिटी स्कैन या अल्ट्रासोनोग्राफी जैसे डॉयग्नोस्टिक इमेजिंग स्कैन करवाने पड़ सकते है।
- प्रक्रिया से पहले रोगी को 6 से 8 घंटे तक भूका रखा जाता है।
- रोगी को उनकी पीठ की तरफ लेटने के लिए बताया जाता है।
- प्रक्रिया के दौरान रोगी की सांस लेने की दर, रक्तचाप और ह्रदय गति पर नज़र रखने के लिए शरीर में मॉनिटर लगाए जाते है।
- रोगी को आराम देने और प्रक्रिया को आरामदायक के लिए बांह के अग्र भाग में शिरा के माध्यम से शामक दिए जाता है।
- उसके बाद रोगी को एनेस्थेसिया दिए जाता है। एंडोस्कोपी ट्यूब डालने के लिए डॉक्टर गले को सुन्न करने के लिए मुँह में एनेस्थेसिया को छिड़क सकते है।
- एंडोस्कोपी को फिर मुँह के माध्यम से पारित किया जाता है। ट्यूब मुँह के अंदर डालने के दौरान डॉक्टर आपको निगलने के लिए कहते है। इस प्रक्रिया के दौरान गले में हल्का दबाव महसूस हो सकता है। यह प्रक्रिया आपके सांस लेने में कोई दिक्कत पैदा नहीं करती है, परन्तु रोगी इस प्रक्रिया के दौरान बात नहीं कर सकता।
- जब एक बार एंडोस्कोपी भोजन नाली के निचे चला जाता है, तो डॉक्टर मॉनिटर के माध्यम से देखते है की पाचन तंत्र में कोई समस्या है या नहीं, यदि कोई असामान्यता दिखाई देती है तो डॉक्टर भविष्य के लिए छवियों को रिकॉर्ड करते है।
- पाचन तंत्र को बढ़ाने, क्षेत्र के दृश्य का विस्तार करने और एंडोस्कोप को स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित करने की अनुमति देने के लिए एंडोस्कोपी के द्वारा भोजान नली में कोमल हवा का दबाव दिया जा सकता है।
- प्रक्रिया के बाद, एंडोस्कोपी को धीरे धीरे मुँह से हटा दिया जाता है। एंडोस्कोपी के लिए जो चीरा लगाया जाता है उसको बाद में सिला जाता है और उसकी ड्रेसिंग करि जाती है।
- रोगी को लगभग 1 घंटा के लिए अंडर ऑब्जरवेशन में रखा जाता है जिससे की उसके स्वास्थ की देखभाल टीम कर सके।
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