लिवर फ़िब्रोस्कैन, पहले की तैयारियां, अग्रवाल गैस्ट्रोकेयर सेंटर इंदौर
फ़िब्रोस्कैन क्या होता है? | What is Fibroscan?
लिवर की बिमारियों के इलाज में फ़िब्रोस्कैन बड़ी उम्मीद बना है। इससे लिवर सिरोसिस की जाँच 10 मिनट में हो सकती है, जबकि अभी बायोप्सी जाँच में 10 घंटे से ज़्यादा लग सकते है। फ़िब्रोस्कैन एक प्रकार टेस्ट है जो अल्ट्रासाउंड टेस्ट के समान होता है जिसका इस्तेमाल लिवर संक्रमण का निदान करने के लिए लिवर की कठोरता को मापता है। यह लिवर बायोप्सी का विकल्प है। लिवर बायोप्सी एक आक्रामक और लिवर के रोगों का निदान करने का एक महंगा तरीका है जिसमे परीक्षा के लिए इंजेक्शन के माध्यम से लिवर का एक छोटा सा टुकड़ा निकल लिया जाता है। यह स्कैन भी निशान ऊतक फाइब्रोसिस और लिवर में मौजूद वसा की मात्रा का मूल्यांकन करता है।
फ़िब्रोस्कैन किसको करना चाहिए? | Who Should Have a Fibroscan?
यदि आपके पास विभिन्न समस्याएं हैं जो लिवर की बीमारी या लिवर की असमर्थता का कारण बन सकती हैं। डॉक्टर आपको फ़िब्रोस्कैन टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है। थकन, उलटी, वजन घटना, पेट दर्द या सूजन, मल त्याग में खून आना यह सब समस्याएं है जिनकी वजह से आपको फ़िब्रोस्कैन टेस्ट करवाना पड़ सकता है।
इस टेस्ट के लिए कोई ख़ास तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें पेशेंट को स्कैन से 2 या 3 घंटे पूर्व भूका रहने की सलाह दी जाती है। टेस्ट के दौरान आपको आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए।
फ़िब्रोस्कैन की प्रक्रिया क्या है? | What is the process of Fibroscan?
फ़िब्रोस्कैन एलिस्ट्रोग्राफी तकनीक का प्रयोग करता है जो अल्ट्रासाउंड के समान होता है। एलिस्ट्रोग्राफी ऊतक की कठोरता को पता लगाने का काम करता है।
- राडियोलॉजिस्ट आपको अपने हाथ ऊपर करके लेटने के लिए कहता है।
- त्वचा और मशीन के बिच कोई रूकावट न आए इसलिए वो एक प्रकार का जेल लगते है।
- फिर वह उस जगह का अल्ट्रासाउंड करता है जिस तरफ लिवर होता है।
यह ध्वनि तरंगों का लिवर तक पहुँचने के लिए उठाए गए समय को भी मापता है और लिवर की स्थिति की जाँच करता है। कंप्यूटर में लिवर की स्पष्ट तस्वीर दिखाई देती है।